Tuesday 27 October 2015

Guru Gorakh Nath Tila Ke Darshan

आंसू पोंछ कर मेरे
गुरु ने हँसाया है मुझे
मेरी हर गलती पर भी मेरे
गुरु ने सीने से लगाया है मुझे
विश्वास क्यों न हो मुझे अपने गुरु पर
मेरे गुरु ने हर हाल में
जीना सिखाया है मुझे: "
यह गुरु का दर है यहाँ मनमानी नही होती,
यह बात भी पक्की है कि कोई परेशानी नही
होती,
कुछ तो बात होगी मेरे गुरु में,
यूंही दुनिया इनकी दीवानी नही होती..."......








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