आंसू पोंछ कर मेरे
गुरु ने हँसाया है मुझे
मेरी हर गलती पर भी मेरे
गुरु ने सीने से लगाया है मुझे
विश्वास क्यों न हो मुझे अपने गुरु पर
मेरे गुरु ने हर हाल में
जीना सिखाया है मुझे: "
यह गुरु का दर है यहाँ मनमानी नही होती,
यह बात भी पक्की है कि कोई परेशानी नही
होती,
कुछ तो बात होगी मेरे गुरु में,
यूंही दुनिया इनकी दीवानी नही होती..."......
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